Ratlam News दस माह पूर्व पांच वर्षीय बालक का अपहरण कर अप्राकृतिक कृत्य के बाद मुंह पर टेप लगाकर हत्या के मामले में शुक्रवार को पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश ने अभियुक्त भाई और बहन को सजा सुनाई। शाम करीब चार बजे न्यायाधीश ने कटघरे में खड़े मुख्य अभियुक्त सोहेल अंसारी से पूछा कि कुछ कहना है तो उसने कहा कि आपको लगता है हम दोषी हैं तो दे दो सजा...। न्यायाधीश ने सोहेल को आजीवन कारावास व उसकी बहन कश्मीरा को साक्ष्य छिपाने पर सात वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई। मुख्य अभियुक्त सोहेल को पांच धाराओं में दोषी पाया, जबकि उसकी बहन तीन धाराओं में सजा भुगतेगी।
कोर्ट परिसर में सुबह से सभी की निगाहें बहुचर्चित पांच वर्षीय बालक हत्याकांड के फैसले पर टिकी हुई थीं। सुरक्षा की दृष्टि से सुबह से पुलिस बल तैनात रहा। सुबह की बजाए दोपहर बाद फैसला आने की खबर मिलने पर दोपहर 3 बजे फिर भीड़ जमा हुई। शाम करीब 4 बजे पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश साबिर अहमद खान के समक्ष मुख्य अभियुक्त सोहेल को कटघरे में ले जाया गया और उसकी बहन कश्मीरा पास में खड़ी रही।
जांच में कई लोगों से हुई थी पूछताछ
13 अप्रैल 2019 को पांच वर्षीय बालक का शहर के एक क्षेत्र में स्थित घर के बाहर से अपहरण हुआ। मुख्य अभियुक्त सोहेल ने मासूम के मुंह और चेहरे पर टेप लपेटकर अप्राकृतिक कृत्य किया था। दम घुटने से उसकी मौत हो गई तो शव घर में रखी वॉशिंग मशीन में डाल दिया था।
बालक को ढूंढ रहे परिजन ने थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। संदेह होने पर पुलिस सोहेल को थाने पर लाई थी। तब सोहेल की बहन कश्मीरा ने वॉशिंग मशीन में शव देख लिया था। बालक के पिता को लेकर कश्मीरा थाने गई व बहन की शादी का हवाला देकर भाई को छुड़वा लाई थी। दोनों शादी से 23 अप्रैल 2019 को वापस रतलाम स्थित घर लौटे और रात को प्लास्टिक के बोरे में बालक का शव बांधकर दो बोरो में भरा और घर के पीछे नाले किनारे फेंक दिया। अगले दिन सुबह यानी 24 अप्रैल को शव बोरे में पुलिस को मिला। सोहेल व कश्मीरा को पुलिस ने इस प्रकरण में 4 मई 2019 को गिरफ्तार किया था।
कानूनी प्रक्रिया में कब क्या हुआ
20 जून 2019 को पुलिस ने 164 दस्तावेजों का चालान कोर्ट में प्रस्तुत किया। 29 जून को आरोप निर्धारण के पश्चात 5 जनवरी 2020 को प्रकरण की सुनवाई पूरी हुई थी। पुलिस अनुसंधान के आधार पर डीपीओ अनिल बादल व विशेष लोक अभियोजन सीमा शर्मा ने जघन्य अपराध के लिए सोहेल को फांसी और बहन कश्मीरा को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की थी।
इनका कहना है
आठ माह से अधिक चले ट्रॉयल में अभियोजन द्वारा 58 अलग-अलग साक्ष्य प्रस्तुत किए गए थे। फोरेंसिक के अलावा साइंस रिपोर्ट में मुख्य अभियुक्त डीएनए रिपोर्ट में दोषी पाया गया, जबकि युवती बोरे पर मिली फिंगर प्रिंट में दोषी पाई गई है। फैसले का अध्ययन कर इससे सख्त सजा के लिए अपील की संभावना देखेंगे।
- एसके जैन, उपसंचालक अभियोजन
Posted By: Hemant Kumar Upadhyay